कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में 'फर्जी' हृदय रोग विशेषज्ञ को लेकर भाजपा पर निशाना साधा
दिमो राजकुमार
- 07 Apr 2025, 09:38 PM
- Updated: 09:38 PM
भोपाल, सात अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को मध्यप्रदेश के दमोह जिले में एक मिशनरी अस्पताल में ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश की और उसे सत्तारूढ़ पार्टी का ‘पसंदीदा’ और ‘नफरत फैलाने वाला’ करार दिया।
इस डाक्टर पर सात मरीजों की मौत का आरोप लग रहा है। भाजपा ने विवाद के केंद्र में आए नरेंद्र जॉन कैम को उससे जोड़ने की कोशिश करने पर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि राज्य में उसकी सरकार गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।
भाजपा ने कहा कि उसके खिलाफ पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है और जांच चल रही है।
विपक्षी कांग्रेस ने दावा किया कि जिस ‘‘फर्जी’’ डॉक्टर के खिलाफ जालसाजी और बेईमानी से धन गबन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है, वह ‘‘आदतन नफरत फैलाने वाला’’ है और उसने सोशल मीडिया के जरिए देश में माहौल खराब किया।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने दमोह जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) एम के जैन की शिकायत पर रविवार आधी रात को आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
शिकायत में जैन ने आरोप लगाया कि कैम ने मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत हुए बिना दमोह मिशन अस्पताल में मरीजों की ‘एंजियोग्राफी’ और ‘एंजियोप्लास्टी’ करके धोखाधड़ी की।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) इस मामले की अलग से जांच कर रहा है।
प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी एक वीडियो में पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मोबाइल फोन पर कथित फर्जी डॉक्टर की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि कैमरे के एंगल, उनके डीपी और नाम 'प्रोफेसर एन जॉन कैम' से लोगों ने उन्हें विदेशी समझ लिया।
श्रीनेत ने कहा,‘‘उसका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है जो हिंदुस्तानी है। वह इतना बड़ा ‘भक्त’ है कि वह ट्विटर (जिसे अब एक्स कहा जाता है) पर दिन भर बेकार की बातें पोस्ट करता है और विपक्ष पर जहर उगलता है।’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उसने देश में नफरत का माहौल बनाया। वह भाजपा का ‘चहेता’ था। भाजपा का आईटी सेल उसे अपने हीरो के तौर पर खूब प्रचारित करता है।’’
उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उसके ट्वीट का जवाब देते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब उसने जो किया है, वह बहुत बड़ा अपराध है। इंग्लैंड से ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ होने का दावा करने वाले इस डॉक्टर की डिग्री फर्जी है। उसने दमोह में कई लोगों के दिल की सर्जरी की, जिनमें से सात की लापरवाही के कारण मौत हो गई और वह फरार है।’’
श्रीनेत ने पूछा कि यह जानते हुए भी कि उसकी डिग्री फर्जी है और वह फर्जी डॉक्टर है, उसे वहां प्रैक्टिस करने की अनुमति किसने दी?
संपर्क किए जाने पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार गलत काम करने वालों को नहीं बख्शती।
सलूजा ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार है, जो कार्रवाई करते समय अपराधी के धर्म, जाति या पार्टी को नहीं देखती। गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाता। (अतीत में) इसके कई उदाहरण हैं।’’
प्रदेश भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’’
चतुर्वेदी ने कहा कि लोकतंत्र में हर कोई अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है।
उन्होंने कहा, ‘‘.. कांग्रेस किसी गलत काम करने वाले को हमारे नेताओं या हमारी पार्टी से नहीं जोड़ सकती, जिसने पूरे देश में घोटालेबाजों, अपराधियों, बलात्कारियों पर नकेल कसी है। भाजपा एक अलग पार्टी है, जिसका चरित्र साफ है।’’
‘फर्जी’ डॉक्टर पर भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं।
एनएचआरसी में एक स्थानीय निवासी द्वारा पहले दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, 'डॉ एन जॉन कैम' नाम का उपयोग करने वाले व्यक्ति ने खुद को विदेश से शिक्षित और प्रशिक्षित दिखाया था।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने ब्रिटेन के एक प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग करके मरीजों को गुमराह किया और उनके गलत इलाज के कारण मरीजों की मौत हो गई।
भाषा दिमो