रास : विपक्ष ने आव्रजन संबंधी विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग की
अविनाश माधव
- 02 Apr 2025, 04:13 PM
- Updated: 04:13 PM
नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) राज्यसभा में बुधवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने आव्रजन संबंधी एक विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस पर और विचार करने की जरूरत है इसलिए विधेयक को सदन की प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिए।
उच्च सदन में आप्रवास एवं विदेशी विषयक विधेयक, 2025 पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य एन आर इलांगो ने कहा कि सरकार ने श्रीलंका से आए तमिल हिन्दू शरणार्थियों के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है। उन्होंने ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता देने की मांग की और कहा कि व्यापक चर्चा के लिए विधेयक को प्रवर समिति में भेजा जाना चाहिए।
द्रमुक सदस्य ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से विदेशियों के उत्पीड़न की भी आशंका है।
बीजू जनता दल (बीजद) की सुलता देव ने भी विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग की और कहा कि घुसपैठिए देश को अंदर से खोखला कर रहे है। उन्होंने कहा कि जार्जिया ऐसा देश है तो किसी अवैध अप्रवासी को एक दिन भी अपने यहां नहीं रहने देता है।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में घुसपैठ से न सिर्फ देश पर बोझ पड़ता है बल्कि बच्चों का भविष्य भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ की समस्या पर काबू के लिए केंद्र को कदम उठाना चाहिए लेकिन वह राज्यों पर दबाव डालता है।
अन्नाद्रमुक सदस्य एम थंबीदुरै ने कहा कि श्रीलंका से आए सभी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए भले ही उनका धर्म कुछ भी हो।
एमडीएमके सदस्य वाइको ने कहा कि इस विधेयक में अधिकारियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं जिसके नकारात्मक असर हो सकते हैं।
भाजपा के रामचंद्र जांगड़ा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से यह एक अहम विधेयक है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के कानून बनने पर ऐेसे लोगों के देश में प्रवेश पर रोक लग सकेगी जो बिना किसी दस्तावेज के या फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत में आ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि करीब 25 साल पहले म्यांमा से रोहिंग्या लोगों का का अवैध प्रवेश शुरू हो गया था। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में अवैध प्रवासन की गंभीर समस्या है।
भाजपा सदस्य ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार में सीमाओं पर बाड़ लगाने की गति धीमी रही जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार सीमा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
तृणमूल कांग्रेस सदस्य रीताव्रता बनर्जी ने भी विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए इसे प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की।
सपा सदस्य जया बच्चन ने आरोप लगाया कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है और इस विधेयक के प्रभाव दूरगामी होंगे। उन्होंने विधेयक को स्थायी समिति में भेजने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को घुसपैठिए और शरणार्थी की परिभाषा स्पष्ट करनी चाहिए।
आईयूएमएल सदस्य हारिश बीरन ने भी विधेयक को व्यापक विचार के लिए प्रवर या स्थायी समिति में भेजने की मांग की।
इससे पहले कांग्रेस सदस्य अभिषेक सिंघवी ने कहा कि इसमें आव्रजन अधिकारी को असीमित अधिकार दिए गए हैं जिससे निरंकुशता का शासन बढ़ेगा। उन्होंने विधेयक को संसद की स्थायी समिति में भेजने की मांग की।
भाषा
अविनाश