पंजाब: स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा
रंजन प्रशांत
- 01 Apr 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
चंडीगढ़, एक अप्रैल (भाषा) पंजाब के मोहाली की एक अदालत ने मंगलवार को स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और कहा कि सिंह ने पादरी के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग कर जघन्य अपराध किया।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) विक्रांत कुमार की अदालत ने 28 मार्च को सिंह के दोषी पाए जाने के बाद यह फैसला सुनाया। सिंह को अक्सर ‘यीशु-यीशु पैगंबर’ कहकर भी संबोधित किया जाता था।
सिंह को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया गया, जबकि मामले में पांच अन्य आरोपियों अखबार भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप पहलवान को बरी कर दिया गया।
भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (न) के अनुसार, दोषी को आजीवन कठोर कारावास की सजा भुगतनी होगी, जिसका अर्थ है कि उसे अपने शेष जीवन कारावास में व्यतीत करना होगा।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पादरी को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 506 के तहत एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई है, और सभी सजायें एक साथ चलेंगी।
पादरी के अधिवक्ता एच.एस. धनोआ ने कहा कि वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सजा को चुनौती देंगे।
फैसला सुनाए जाने से पहले अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सिंह को मनसा जेल से भारी सुरक्षा घेरे में अदालत परिसर लाया गया था।
यह मामला 2018 में जीरकपुर थाने में एक महिला द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।
पीड़िता के वकील अनिल कुमार सागर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (सिंह) आजीवन सलाखों के पीछे रहेगा।’’
सागर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अदालत ने एक अनुकरणीय फैसला सुनाया है, क्योंकि ऐसे मामलों में किसी भी तरह का उदासीन दृष्टिकोण अपराधियों के हौसले बुलंद करता है, जो अपनी सामाजिक स्थिति की धौंस जमाते हैं या धर्म की आड़ में गरीबों और कमजोर लोगों का शोषण करते हैं।’’
पीड़िता ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उसे सात साल बाद न्याय मिला है। उसने यह भी दावा किया कि समझौता करने के लिए उसे पैसे की पेशकश की गई थी।
सागर ने बताया कि सिंह ने अदालत से दया की गुहार लगाई और कहा कि उसके तीन छोटे बच्चे हैं और उसकी पत्नी बीमार है।
उसने यह भी कहा कि वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य है और इसलिए मामले में नरम रुख अपनाया जाना चाहिए।
निवेदन और दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने कहा कि उसका मानना है कि दोषी अभियोजन पक्ष पर प्रभाव जमा रहा थाा और पादरी के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करके उसने जघन्य अपराध किया है।
अपनी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि सिंह ने उसे विदेश ले जाने का प्रलोभन दिया था। इसके बाद उसने मोहाली के सेक्टर 63 में अपने आवास पर उससे बलात्कार किया और इस कृत्य का वीडियो भी बनाया। उसने पीड़िता को धमकी दी थी कि अगर वह उसकी मांगें नहीं मानती है तो वह इस वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित कर देगा।
सिंह को 2018 में लंदन जाने की कोशिश करते समय दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे इस मामले में जमानत मिल गई।
तीन मार्च को मोहाली की अदालत ने 2018 के बलात्कार मामले के सिलसिले में सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
न्यायालय ने कहा कि अपराध की गंभीरता के अनुरूप उचित सजा का निर्धारण और उसे दंड देना उनका न्यायिक दायित्व है।
अदालत ने कहा, ‘‘यौन हिंसा एक अमानवीय कृत्य होने के अलावा, एक महिला की निजता और पवित्रता के अधिकार पर एक गैरकानूनी अतिक्रमण है। यह उसके सर्वोच्च सम्मान पर एक गंभीर आघात है और उसके आत्मसम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचाता है।’’
अदालती आदेश में कहा गया है, ‘‘बलात्कारी न केवल शारीरिक चोट पहुंचाता है, बल्कि लड़की की सबसे अनमोल संपत्ति, यानी उसकी गरिमा, सम्मान, प्रतिष्ठा और उसकी पवित्रता पर अमिट दाग छोड़ जाता है। इन परिस्थितियों में, बलात्कार के प्रत्येक अपराधी को शीघ्रता से, अलग-अलग और सख्त सजा दी जानी चाहिए।’’
इसमे कहा गया है कि अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, जिस अपराध के लिए उसे दोषी ठहराया गया है उसमें वह नरमी का हकदार नहीं है।
सिंह का विवादों से नाता कोई नया नहीं है। 22 वर्षीय महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 28 फरवरी को उस पर यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले में मामला दर्ज किया गया था।
बाद में कपूरथला पुलिस ने स्वयंभू उपदेशक के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
मोहाली पुलिस ने 25 मार्च को एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सिंह पर मारपीट और अन्य आरोपों के संबंध में मामला दर्ज किया। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ था जिसमें सिंह महिला से बहस करते और उसे थप्पड़ मारते हुए दिख रहा था।
वीडियो कथित तौर पर 14 फरवरी को एक कमरे के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज लग रही है।
स्वयंभू धर्मगुरु जालंधर के ताजपुर में ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ नामक गिरिजाघर का संचालन करता है, जिसकी एक शाखा मोहाली के माजरी में भी है।
हरियाणा के जाट बजिंदर सिंह ने एक दशक से भी पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। उसके समर्थकों का दावा है कि उनके गिरजाघर की भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं।
स्वयंभू धर्मगुरु धार्मिक समागम आयोजित करता था, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी बीमारियों के इलाज की उम्मीद में आते थे।
इन समागमों का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल ‘पैगंबर बजिंदर सिंह’ पर किया जाता था, जिसके 37.4 लाख सब्सक्राइबर हैं।
भाषा रंजन