जम्मू-कश्मीर: प्रदर्शनकारी दिहाड़ी मजदूरों पर लाठीचार्ज को लेकर हंगामे के बाद भाजपा विधायकों का बहिर्गमन
जितेंद्र रंजन
- 11 Mar 2025, 03:22 PM
- Updated: 03:22 PM
जम्मू, 11 मार्च (भाषा) जल शक्ति विभाग के दिहाड़ी मजदूरों पर प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज करने और उन्हें हिरासत में लिए जाने को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के विधायकों के साथ जुबानी जंग के बीच मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा से बहिर्गमन किया।
श्रीनगर और जम्मू में सोमवार को विभाग के दर्जनों कर्मचारियी और दिहाड़ी मजदूर वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च कर रहे थे कि तभी इन लाठीचार्ज किया गया और उन्हें हिरासत में लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने मार्च को बीच में ही रोक दिया।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हंगामे के बीच हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह एक मानवीय मुद्दा है और सदस्यों को अपनी मांग पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जहां तक बात लाठीचार्ज की है तो बता दूं कि पुलिस न तो आपके नियंत्रण में है और न ही हमारे लेकिन इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। ”
भाजपा सदस्यों द्वारा समर्थित विधायक विक्रम रंधावा ने सरकार पर दिहाड़ी मजदूरों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया और तर्क दिया कि नेकां द्वारा किए गए वादों के बावजूद बजट में उनके लिए कुछ नहीं है।
सदन में नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा और शाम लाल शर्मा ने मौजूदा संकट के लिए पिछली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने हालांकि पलटवार करते हुए कहा कि नेकां सरकार ने इन दिहाड़ी मजदूरों को काम पर रखा है और उनका नियमितीकरण सुनिश्चित करेगी।
विधानसभा में जल्द ही अराजकता की स्थिति पैदा हो गई और नेकां व भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
कुछ सदस्यों ने एक-दूसरे के खिलाफ अपमानजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने बाद में सदन की कार्यवाही से हटा दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाठीचार्ज नहीं होना चाहिए था क्योंकि प्रदर्शन करने वाले हमारे कर्मचारी थे।
अब्दुल्ला ने पुलिस कार्रवाई के बारे में कहा, “न तो आपका और न ही हमारा उन पर नियंत्रण है। कृपया इस मुद्दे को उन लोगों के सामने उठाएं, जो उन्हें नियंत्रित करते हैं।”
उन्होंने कहा कि पुलिस ने घटना पर संज्ञान लिया है और भविष्य में संयम बरता जाना चाहिए।
भाजपा विधायकों ने हालांकि खड़े होकर तर्क दिया कि यह स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि सरकार ने बजट में श्रमिकों के लिए कुछ भी आवंटित नहीं किया। इस पर सत्ता पक्ष की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
कई मिनट तक शोर-शराबा होने के बाद भाजपा सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये।
भाषा जितेंद्र