पहली ई-बस को शामिल करने के सात साल बाद, बेस्ट ने चालकों का प्रशिक्षण शुरू किया
राखी रंजन
- 09 Mar 2025, 09:20 PM
- Updated: 09:20 PM
मुंबई, नौ मार्च (भाषा) इलेक्ट्रिक बस को अपने बेड़े में शामिल करने के सात साल से अधिक समय बाद, बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) उपक्रम ने वाहनों के प्रौद्योगिकी में आसन्न बदलाव के लिए उत्तर मुंबई के डिंडोशी केंद्र में चालकों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। एक अधिकारी ने रविवार को कहा।
अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय पिछले साल नौ दिसंबर को कुर्ला पश्चिम में एसजी बर्वे मार्ग पर हुई दुर्घटना के बाद लिया गया है। इस दुर्घटना में एक 12-मीटर लंबी ई-बस के अनियंत्रित हो जाने के कारण नौ लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
जांच में पाया गया कि बस चालक को मात्र तीन दिन का प्रशिक्षण मिला था, जिसे विशेषज्ञों ने "मानवीय त्रुटि" करार दिया था।
बेस्ट द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि निजी बस संचालक अपने बेड़े में से कुछ ई-बसों को चालकों के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध करवायें ।
अधिकारी ने बताया कि राज्य में पहली ई-बस को नवंबर 2017 में बेस्ट बेड़े में शामिल किया गया था। अधिकांश ई-बसों में स्वचालित ट्रांसमिशन होता है और पारंपरिक मैनुअल ट्रांसमिशन बसों की तरह क्लच नहीं होता है।
अधिकारी ने कहा, "डिंडोशी केंद्र में डीजल बसों के लिए चालकों को प्रशिक्षित किया जाता था। ओलेक्ट्रा की एक पुरानी 12 मीटर की ई-बस को प्रशिक्षण के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे प्रभावी नियंत्रण के लिए बाईं ओर एक सेकेंडरी ब्रेक सिस्टम के साथ एक दोहरे नियंत्रण वाली बस में बदल दिया गया है और इसे विशेष चालक प्रशिक्षण के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) द्वारा अनुमोदित किया गया है।"
अधिकारी ने बताया कि बस ईवेट्रांस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराई गई है। कम्पनी ने बेस्ट को क्रमशः 2100 और 2400 बसों की आपूर्ति के लिए दो अलग-अलग अनुबंध प्राप्त किए हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले तीन महीनों से लंबित नई ई-बसों को शामिल करने का काम अब शुरू होने की उम्मीद है। विक्रोली और घाटकोपर डिपो में 90 नई बसें खड़ी हैं। इनमें से 60 का पंजीकरण हो चुका है, जबकि बाकी के पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।"
बेस्ट अधिकारियों ने बताया कि इस नयी प्रशिक्षण व्यवस्था से न केवल चालकों को इलेक्ट्रिक बसों की तकनीकी विशेषताओं को समझने में मदद मिलेगी, बल्कि भविष्य में दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी।
भाषा राखी