ईपीआईसी क्रमांक के दोहराव के मुद्दे का समाधान तीन महीने में किया जाएगा: निर्वाचन आयोग
प्रशांत दिलीप
- 07 Mar 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) मतदाता पहचान पत्र क्रमांक के दोहराव के मामले में लीपापोती के आरोपों के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले तीन महीनों के भीतर ‘दशकों से लंबित’ मामले का समाधान करेगा।
तृणमूल कांग्रेस ने विभिन्न राज्यों में मतदाता पहचान पत्र संख्या के दोहराव का मुद्दा उठाया और निर्वाचन आयोग पर मामले को दबाने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने आखिरकार यह स्वीकार कर लिया है कि कई लोगों को ‘डुप्लीकेट’ मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “यह एक घोटाला है और इसका जवाब दिया जाना चाहिए।”
आयोग ने एक बयान में कहा कि भारत की मतदाता सूची 99 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाताओं के साथ दुनिया भर में मतदाताओं का सबसे बड़ा डेटाबेस है।
उसने कहा, “जहां तक मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक के दोहराव के मुद्दे का संबंध है, आयोग ने पहले ही मामले का संज्ञान ले लिया है। ईपीआईसी नंबर के बावजूद, एक मतदाता जो किसी विशेष मतदान केंद्र की मतदाता सूची से जुड़ा हुआ है, वह केवल उस मतदान केंद्र पर ही अपना वोट डाल सकता है, कहीं और नहीं।’’
निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने अब अगले तीन महीनों में तकनीकी टीम और संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के बीच विस्तृत चर्चा के बाद ईपीआईसी संख्या के दोहराव वाले मौजूदा मतदाताओं के लिए ‘‘विशिष्ट राष्ट्रीय ईपीआईसी नंबर’’ सुनिश्चित करके इस ‘‘लंबे समय से लंबित मुद्दे को हल करने का निर्णय लिया है।
उसके अनुसार, नई प्रणाली भविष्य के मतदाताओं के लिए भी लागू होगी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विभिन्न राज्यों में मतदाता पहचान पत्र संख्या के दोहराव के मुद्दे को उठाया था और निर्वाचन आयोग पर मामले को ढकने का आरोप लगाया था।
यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति है, तो उसके पास जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 (ए) के तहत जिला मजिस्ट्रेट या जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील दायर करने का विकल्प है।
यदि व्यक्ति प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24(बी) के अंतर्गत संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील दायर कर सकता है।
निर्वाचन अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चला कि देश भर में, महाराष्ट्र में 89 प्रथम-स्तरीय अपीलें और एक द्वितीय-स्तरीय अपील की गई, तथा किसी अन्य राज्य में ऐसा नहीं किया गया।
निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कोई अपील दायर नहीं की गई।
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