नेकां विधायक ने जम्मू-कश्मीर में ‘खून खराबा’ समाप्त करने के लिए पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की
देवेंद्र माधव
- 05 Mar 2025, 10:20 PM
- Updated: 10:20 PM
जम्मू, पांच मार्च (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के विधायक अली मोहम्मद सागर ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में ‘खून खराबा’ समाप्त करने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा कि ‘‘कब्रिस्तानों की खामोशी को शांति नहीं समझा जाना चाहिए’’।
विधानसभा में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सागर ने भाजपा पर निशाना साधा और केंद्र से इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने को कहा कि लोगों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को निर्णायक जनादेश दिया है।
पूर्व मंत्री एवं सात बार विधायक रह चुके सागर ने कहा, ‘‘जब भी डॉ. साहब (नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला) पाकिस्तान के साथ बातचीत की जरूरत पर जोर देते हैं, तो भाजपा खफा हो जाती है... इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान एक विफल देश है, लेकिन कश्मीर में रक्तपात को समाप्त करने के लिए आपको उन्हें अपने साथ लेना होगा।’’
उन्होंने दावा किया कि कश्मीर में ‘‘कब्रिस्तान जैसा सन्नाटा’’ पसर गया है, जो दीर्घकाल के लिए नुकसानदायक है।
सागर ने कहा, ‘‘भाजपा अभी भी इस सच्चाई को स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने (जम्मू-कश्मीर में) जनादेश के साथ सरकार बनाई है। वह यह दावा करके जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है कि उसे सबसे ज्यादा मत मिले हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इस सरकार को भारी जनादेश दिया है, जो लोगों की आवाज है। यह सरकार आने वाले समय में अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगी।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से नेशनल कॉन्फ्रेंस को गोलियों का सामना करना पड़ा है और इसके सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता मारे गए हैं।
सागर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को (लोगों को) स्पष्टीकरण देना चाहिए क्योंकि जब 2000 में उसका स्वायत्तता प्रस्ताव खारिज किया गया था, तब उमर अब्दुल्ला भाजपा नीत केंद्र सरकार का हिस्सा थे।
चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा सदस्य सुरजीत सिंह सलाथिया ने कहा कि लोगों ने उन्हें अपनी समस्याएं हल करने के लिए चुना है और ‘‘हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी उम्मीदों पर खरा उतरें।’’
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में विकास की नयी सुबह हुई।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मंशा पर कोई संदेह नहीं है और हम समझते हैं कि सरकार अभी अपने शुरुआती चरण में है। इसलिए हमें उम्मीद है कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए सभी वादे पूरे करेंगे।’’
जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी के बारे में बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम मोहिउद्दीन मीर ने कहा कि लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
भाजपा सदस्य एवं पूर्व मंत्री राजीव जसरोटिया ने नेकां सरकार को उसके घोषणापत्र में किए गए उन वादों की याद दिलाई, जिन्हें सरकार के कार्यभार संभालने के पहले तीन महीनों के भीतर पूरा किया जाना था।
जसरोटिया ने यह भी कहा कि ‘‘हम लोगों के कल्याण के लिए एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में काम करेंगे’’।
कांग्रेस के इरफान हफीज लोन ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
लोन ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उमर अब्दुल्ला लोगों की इस उम्मीद पर खरा उतरेंगे। जब हम एकमत हैं, तो हमें राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एकजुट रुख अपनाना चाहिए।’’
भाषा
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