जानवरों के हमलों में कमी लाने संबंधी उपायों के लिए धनराशि बढ़ाई जाए: प्रियंका
सुभाष पवनेश
- 22 Feb 2025, 06:05 PM
- Updated: 06:05 PM
तिरूवनंतपुरम, 22 फरवरी (भाषा) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र लिखकर वायनाड और मलप्पुरम जिलों में जंगली जानवरों के हमलों में कमी लाने के वास्ते किये जाने वाले उपायों के लिए धनराशि बढ़ाने का आग्रह किया है।
वायनाड से सांसद प्रियंका ने 20 फरवरी को लिखे अपने पत्र में सुझाव दिया है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के परामर्श से एक विशेष टीम गठित की जाए और उसे जानवरों के हमलों के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में मानव जीवन की रक्षा के लिए तत्काल उपाय करने के वास्ते भेजा जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हर संभव तरीके से सहायता करने में खुशी होगी।’’
प्रियंका ने दावा किया कि जानवरों के हमलों से प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के साथ उनकी हालिया बातचीत के दौरान, उन्होंने लोगों में बढ़ते खौफ के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों में उनकी सुरक्षा करने में विश्वास की कमी देखी।
उन्होंने कहा, ‘‘वे खाइयां खोदने जैसे उपायों पर भरोसा नहीं करते, क्योंकि उन्हें अपने अनुभव से यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि रखरखाव की कमी इन्हें निष्प्रभावी बना देती है। बाड़, बाघों और तेंदुओं जैसे जानवरों को नहीं रोक पाते हैं...।’’
कांग्रेस सांसद ने अपने पत्र में कहा, ‘‘अधिकांश स्थानों पर लोगों ने मांग की है कि जानवरों से सुरक्षा के लिए दीवारें बनाई जाएं और वे कोई वैकल्पिक उपाय स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, हमलों की लगातार बढ़ती संख्या और इसके परिणामस्वरूप होने वाली मौतों के कारण क्षेत्र में जंगली जानवरों के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि 27 दिसंबर 2024 से 12 फरवरी के बीच उनके निर्वाचन क्षेत्र में सात लोगों की जानवरों के हमलों में जान चली गई। इन मौतों के बाद क्षेत्र के लोगों में ‘‘भय’’ व्याप्त है।
कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि स्थानीय अधिकारी वनों और वन्यजीव अभयारण्यों की सुरक्षा से जुड़े कानूनों को कायम रखते हुए मानव जीवन की रक्षा के लिए अपनी क्षमता के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, वन क्षेत्रों में और उसके आसपास मानव बस्तियों की रक्षा के लिए पर्याप्त उपाय लागू करने के वास्ते आवश्यक धनराशि स्थानीय प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है।’’
प्रियंका ने माना कि हालांकि, धनराशि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी का एक बड़ा हिस्सा पर्यावरण मंत्रालय का है, लेकिन केंद्र सरकार को राज्य के आवंटन के बराबर धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, जब राज्य को धन के आवंटन में देरी होती है या अन्य कारणों से यह प्राप्त नहीं होता है, तो केंद्र सरकार अपने हिस्से की धनराशि जारी करने से बचती है।’’
उन्होंने पत्र में कहा कि इससे स्थानीय प्रशासन के समक्ष मुश्किल स्थिति पैदा हो गई है और वह भारी दबाव में है तथा निवारण उपाय लागू करने में असमर्थ है।
उन्होंने आगे कहा कि वायनाड जिले के अधिकारियों ने थर्मल ड्रोन, कैमरा ट्रैप, सीसीटीवी कैमरे और रेडियो कॉलर खरीदने के लिए धन में उल्लेखनीय वृद्धि की आवश्यकता बताई है ताकि जानवरों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके और त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) वाहनों की संख्या बढ़ाई जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हाथी-रोधी खाइयों, दीवारों के निर्माण और सौर बाड़ एवं ऊंची बाड़ लगाने तथा इनके रखरखाव के लिए धन की तत्काल आवश्यकता है।’’
उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान जानवरों के हमलों से प्रभावित परिवारों की जरूरतों की ओर भी आकर्षित किया, जिसमें स्थायी रोजगार, बेहतर वेतन और उपकरणों के साथ अतिरिक्त वन प्रहरियों की नियुक्तियां शामिल हैं।
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