संसद परिसर में विपक्ष का एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन
वैभव मनीषा
- 18 Aug 2025, 04:24 PM
- Updated: 04:24 PM
नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ सोमवार को संसद भवन परिसर में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के घटक दलों के सदस्यों ने प्रदर्शन किया।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में, विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘‘वोट चोर, गद्दी छोड़’’ और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ के नारे लगाए।
प्रदर्शन कर रहे सदस्यों ने ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ लिखा एक बड़ा बैनर हाथों में पकड़ा हुआ था और पोस्टर लिए हुए थे जिस पर ‘‘एसआईआर बंद करो’’ लिखा था।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों के नेता संसद के मकर द्वार के ठीक बाहर पोस्टर और बैनर लिए देखे गए।
समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्यों ने अपने नेता अखिलेश यादव द्वारा निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे की प्रतियां भी दिखायीं, जिसमें उन्होंने आयोग पर पिछड़े समुदायों के मतदाताओं के नाम हटाने का आरोप लगाया है।
खरगे ने विपक्ष के प्रदर्शन का एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘भारत निर्वाचन आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से विमुख होकर राजनीतिक दलों के वास्तविक प्रश्नों से बच नहीं सकता। 'मतदान का अधिकार' भारत के संविधान द्वारा हमें दिया गया सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है। ‘इंडिया’ गठबंधन लोकतंत्र का गला घोंटने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा।’’
खरगे ने बाद में राज्यसभा में एसआईआर का मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें आसन से इसकी अनुमति नहीं मिली।
उन्होंने बाद में एक पोस्ट में कहा, ‘‘वोट देने का अधिकार हमें संविधान ने दिया है और इसे छीनने का अधिकार किसी को नहीं है। निर्वाचन आयोग हमें डरा-धमका रहा है, लेकिन हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हम लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे।’’
इस बीच अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए मौर्य, पाल, बघेल और राठौड़ समुदायों सहित कई पिछड़े समूहों के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, "सच्चाई यह है कि उनके वोट काटे जा रहे हैं। सपा ने पहले भी यह मुद्दा उठाया था, लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि ऐसा जानबूझकर पिछड़े वर्गों के वोट काटने के लिए किया जा रहा है, जबकि यह दिखाया जा रहा है कि ये वोट कहीं और जा रहे हैं।"
यादव ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने उन निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान कर ली है जहां वे मामूली अंतर से हारे थे और जहां मतदाताओं के नाम हटाए जाने की भूमिका थी।
उन्होंने आरोप लगाया, "यही वह चीज़ है जिसकी हम कम समय में पहचान कर सकते हैं। अगर हमें मतदाता सूचियां हमारे द्वारा मांगे प्रारूप में मिल जाएं, तो हम ऐसे और मामले उपलब्ध करा सकते हैं। 2019 में डाले गए वोट 2022 तक हटा दिए गए। मतदाता पहचान पत्र बनाने की एक उचित प्रक्रिया भी है, लेकिन उसकी अनदेखी की जा रही है।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
विपक्ष द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार किए जाने की अटकलों के बीच, कांग्रेस नेता नसीर हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए हर लोकतांत्रिक तरीका अपनाएंगे कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ‘निष्पक्ष’ रहें।
विपक्ष संसद के दोनों सदनों में एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि निर्वाचन आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले ‘‘मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है।’’ विपक्षी सदस्य दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू होने के बाद से, दोनों सदनों में बहुत कम कामकाज हुआ है, क्योंकि एसआईआर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही है।
भाषा वैभव