महाराष्ट्र में कैबिनेट बैठक से पहले अजित पवार से मिले कोकाटे
पारुल प्रशांत
- 29 Jul 2025, 05:44 PM
- Updated: 05:44 PM
मुंबई, 29 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने उनके राज्य मंत्रिमंडल में बने रहने को लेकर जारी अटकलों के बीच मंगलवार को उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख अजित पवार से मुलाकात की।
सूत्रों ने दावा किया कि पवार ने कोकाटे की टिप्पणियों से बार-बार विवाद उत्पन्न होने को लेकर उन्हें फटकार लगाई और मामले में समर्थन का कोई आश्वासन नहीं दिया।
सूत्रों के मुताबिक, पवार ने कृषक समुदाय के बारे में कोकाटे की टिप्पणियों पर नाराजगी जताई, जिनके कारण महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और राकांपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि पवार से मुलाकात में कोकाटे ने अपनी टिप्पणियों पर खेद व्यक्त किया।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल बैठक से पहले कोकाटे अपनी बेटी के साथ सुबह ‘मंत्रालय’ (महाराष्ट्र सरकार का प्रशासनिक मुख्यालय) पहुंचे और सीधे पवार के कक्ष में गए।
उन्होंने बताया कि 15 मिनट तक चली बैठक तनावपूर्ण रही, जिसमें पवार ने कोकाटे की ओर से बार-बार की गई विवादित टिप्पणियों पर कथित तौर पर कड़ी नाराजगी जताई।
सूत्रों ने बताया कि कोकाटे ने अपने हालिया कदमों पर खेद व्यक्त किया और पवार को भरोसा दिलाया कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।
उन्होंने बताया कि हालांकि, पवार ने कोकाटे को समर्थन का कोई आश्वासन नहीं दिया।
बैठक के बाद कोकाटे ने पत्रकारों से बात करने से परहेज किया और सीधे कैबिनेट की बैठक में चले गए, जिससे इन अटकलों को हवा मिली है कि उनके मंत्री पद पर बने रहने को लेकर जल्द फैसला हो सकता है।
इस बीच, नासिक के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिन में पवार से मुलाकात की और अनुरोध किया कि कोकाटे को राज्य मंत्रिमंडल में बरकरार रखा जाए।
पवार ने हालांकि, प्रतिनिधिमंडल से सवाल किया, “किसी को कितनी बार माफ किया जाना चाहिए?” उन्होंने यह भी कहा कि जब कोकाटे ने अतीत में स्वेच्छा से मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब कोई भी उनके समर्थन में आगे नहीं आया था।
नासिक जिले के सिन्नर से राकांपा विधायक कोकाटे का विवादों से पुराना नाता रहा है।
कोकाटे ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि किसान अपनी सब्सिडी का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने किसानों को भिखारी कहा था और अपने मंत्री पद को “बंजर जमीन का स्वामी” बताया था।
ताजा विवाद सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो से उत्पन्न हुआ है, जिसमें कोकाटे राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान सदन में अपने मोबाइल फोन पर कथित तौर पर ऑनलाइन ‘रमी’ खेलते हुए नजर आए थे।
यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि उन्होंने किसानों के बारे में अपनी पिछली टिप्पणियों को स्पष्ट करते हुए सरकार को “भिखारी” कहकर एक और विवाद खड़ा कर दिया था।
भाषा पारुल