दो नन की गिरफ्तारी पर बोले मुख्यमंत्री साय - महिला सुरक्षा पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण
नोमान
- 28 Jul 2025, 07:45 PM
- Updated: 07:45 PM
नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश के आरोप में दो कैथोलिक नन सहित तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को कहा कि मामले की जांच की जा रही है और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का राजनीतिकरण करना बहेद दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि बजरंग दल के एक स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत के बाद तीनों को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। शिकायत में तीनों पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने की कोशिश का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान सुकमन मंडावी और नन प्रीति मेरी तथा वंदना फ्रांसिस के रूप में हुई है। दोनों नन केरल की रहने वाली हैं।
सोशल मीडिया 'एक्स' पर एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री ने कहा, ''नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग दिलाने और उसके पश्चात नौकरी दिलाने का वादा किया गया था।”
साय ने कहा कि नारायणपुर के एक व्यक्ति ने लड़कियों को दुर्ग स्टेशन पर दो नन के सुपुर्द किया और वे उन्हें आगरा ले जा रही थी।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मामले में प्रलोभन के माध्यम से मानव तस्करी करके धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी।
उन्होंने कहा, “यह महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित गंभीर मामला है। इस मामले में अभी जांच जारी है। प्रकरण अदालत में लंबित है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा।''
साय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ''छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है जहां सभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं। हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना बेहद दुर्भाग्यजनक है।''
उन्होंने यह भी कहा कि मामला पूरी तरह से “बेटियों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता” से जुड़ा है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को दावा किया कि छत्तीसगढ़ में दो नन को उनकी आस्था के चलते गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जिन जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां अल्पसंख्यकों का ‘सुनियोजित तरीके से उत्पीड़न’ किया जा रहा है।
धार्मिक स्वतंत्रता को संवैधानिक अधिकार बताते हुए गांधी ने दोनों नन की तत्काल रिहाई और उनके खिलाफ हुए कथित अन्याय के लिए जवाबदेही तय किए जाने की मांग की।
वहीं, केरल के वायनाड से सांसद एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो ईसाई नन समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी की ‘चौकाने वाली घटना’ की कड़ी निंदा करते हुए ‘एक्स’ पर दावा किया कि उन्हें “बिना किसी कानूनी आधार के और धर्मांतरण व मानव तस्करी के झूठे आरोपों में हिरासत में लेना, अल्पसंख्यक अधिकारों पर एक गंभीर हमला है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई अकेला मामला नहीं है - भाजपा शासन में, अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “भीड़ द्वारा न्याय और सांप्रदायिक रूप से निशाना बनाए जाने का हमारे लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। कानून का शासन कायम रहना चाहिए।”
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो कैथोलिक नन की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल समेत केरल में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।
भाषा संजीव