दूसरे राज्यों में भी परिचालन का विस्तार कर सकेंगे शहरी सहकारी बैंक, आरबीआई का प्रस्ताव
रमण अजय
- 28 Jul 2025, 07:40 PM
- Updated: 07:40 PM
मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के परिचालन के विस्तार से जुड़े मानदंडों को सरल बनाने का प्रस्ताव किया।
आरबीआई ने प्रस्ताव किया है कि बड़े शहरी सहकारी बैंक (टियर तीन और टियर चार में आने वाले) जो परिचालन मंजूरी पात्रता मानदंड (ईसीबीए) का अनुपालन करते हैं और जिनकी न्यूनतम नेटवर्थ 50 करोड़ रुपये है, वे पंजीकरण वाले राज्य से परे अपने परिचालन क्षेत्र का विस्तार कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए रिजर्व बैंक की पूर्व मंजूरी जरूरी होगी।
सहकारी बैंकों के लिए परिचालन मंजूरी (निर्देश), 2025 के मसौदा प्रारूप में कहा गया है कि यूसीबी को एक वित्त वर्ष में अधिकतम दो राज्यों तक अपने परिचालन क्षेत्र का विस्तार करने की अनुमति होगी। लेकिन इसके लिए शर्त है कि प्रत्येक प्रस्तावित राज्य में कम-से-कम पांच शाखाएं खोलने के लिए जरूरी पूंजी उपलब्ध हो।
इसमें कहा गया है कि कोई भी शहरी सहकारी बैंक आरबीआई की पूर्व अनुमति के बिना अपने पूरे पंजीकरण जिले में परिचालन क्षेत्र का विस्तार कर सकता है।
इसमें कहा गया, ‘‘परिचालन मंजूरी पात्रता मानदंड का अनुपालन करने वाला कोई भी शहरी सहकारी बैंक, आरबीआई की पूर्व अनुमति के बिना, अपने पंजीकरण राज्य (अपने पंजीकरण जिले के अलावा) में अपनी पसंद के अधिकतम तीन जिलों तक अपने परिचालन क्षेत्र का विस्तार कर सकता है।’’
इस प्रस्ताव पर आरबीआई ने 25 अगस्त, 2025 तक लोगों से सुझाव आमंत्रित किये हैं।
जो बैंक कुछ मानदंडों को पूरा करता है, उन्हें परिचालन मंजूरी पात्रता मानदंड (ईसीबीए) का पूर्ण रूप से अनुपालन करने वाला माना जाएगा। इनमें बैंक के लिए नियामकीय व्यवस्था के अनुसार न्यूनतम सीआरएआर (पूंजी जोखिम (भारांश) परिसंपत्ति अनुपात) बनाये रखना, शुद्ध एनपीए (फंसा कर्ज) तीन प्रतिशत से अधिक न हो और पिछले दो वित्त वर्षों में शुद्ध लाभ की स्थिति शामिल है।
आरबीआई ने नियामकीय उद्देश्यों के लिए शहरी सहकारी बैंकों को चार स्तर में वर्गीकृत किया हुआ है।
एक हजार करोड़ रुपये से अधिक और 10,000 करोड़ रुपये तक की जमा राशि वाले शहरी सहकारी बैंक टियर तीन में आते हैं और 10,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा राशि वाले शहरी सहकारी बैंक टियर चार में आते हैं।
भाषा रमण