राजस्थान ने कुसुम योजना में 1,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का कीर्तिमान बनाया
अमित प्रेम
- 06 May 2025, 07:04 PM
- Updated: 07:04 PM
जयपुर, छह मई (भाषा) राजस्थान ने पीएम-कुसुम योजना के तहत 1,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का नया कीर्तिमान बनाया है जो ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 'राजस्थान को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य की दिशा में पीएम-कुसुम योजना के माध्यम से एक बड़ी कामयाबी मिली है। राजस्थान ऐसा अग्रणी राज्य बन गया है जहां इस योजना के घटक-ए एवं घटक-सी के तहत सौर ऊर्जा उत्पादन 1,000 मेगावाट से अधिक हो गया है।'
इस योजना के तहत, किसानों को खेती के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पंप स्थापित करने में सहायता दी जाती है।
बयान के मुताबिक, सौर ऊर्जा का उपयोग कर किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति की दिशा में भी राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे आज राज्य में एक लाख 70 हजार से अधिक किसानों को दिन में बिजली सुलभ होने लगी है।
इसमें दावा किया गया है कि पीएम कुसुम योजना के घटक-ए एवं घटक-सी के तहत ही 560 ग्रिड-संबद्ध विकेंद्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर 70 हजार से अधिक कृषि उपभोक्ताओं को दिन में बिजली दी जा रही है। वहीं इस योजना के घटक-बी में लगभग एक लाख किसानों के कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जा चुका है।
राजस्थान में योजना के सफल क्रियान्वयन को देखते हुए भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कुसुम-ए में दो बार में कुल 6,000 मेगावाट क्षमता के संयंत्रों के अतिरिक्त आवंटन को स्वीकृति दी है जबकि घटक-सी में दो लाख सौर पंपों का अतिरिक्त आवंटन किया है। इस तरह, इस योजना के तहत राजस्थान में लगभग 12,000 मेगावाट क्षमता की सौर इकाइयां लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
बयान के मुताबिक, पिछली राज्य सरकार के अंतिम तीन वर्षों में जहां केवल 92 सौर संयंत्र ही स्थापित किए गए थे वहीं आज राज्य में घटक-सी के तहत लगभग हर दिन औसतन एक नया सौर ऊर्जा संयंत्र ग्रिड से जुड़ रहा है।
बीते छह महीनों में सौर संयंत्रों के क्रियाशील होने की गति भी बढ़ी है। इस दौरान घटक-ए में 183 मेगावाट क्षमता के 134 और घटक-सी में 514 मेगावाट क्षमता के 196 संयंत्र लगाए गए हैं।
बयान के मुताबिक, यह योजना प्रारंभ होने के बाद से ऊर्जा उत्पादन में प्रतिदिन औसतन चार-पांच मेगावाट क्षमता की अतिरिक्त बढ़ोतरी हो रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वर्ष-2027 तक किसानों को कृषि कार्य के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने का संकल्प जताया है। इस संकल्प को साकार करने की दिशा में यह योजना महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने इसे अपनी प्रमुख योजना के रूप में जगह दी है।
भाषा पृथ्वी
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